शनिवार, 27 दिसंबर 2008

ये देश के दीवाने हैं

इन्हें गोलियां नहीं डरा पाईं। आतंक की बोलियों का भी इन पर कोई असर नहीं हुआ। इनका हौसला काबिले तारीफ है। जी हां कश्मीर की आम जनता ने दिखा दिया, कि वो जम्हूरियत पर यकीन करती है। अलगाववादी ताकतें कश्मीर के आम लोगों के दिल से हिंदुस्तान को नहीं अलग कर सकतीं। यही दिखाया है देश के दीवानों ने। 61 फीसदी की तादाद में वोट देकर। 61 फीसदी यानी पिछले असेंबली चुनाव में 43 फीसदी से 18 ज्यादा। ये आतंकवादियों और सरहद पार बैठे उनके आकाओं के गाल पर करारा तमाचा है। आतंकवादियों की धमकियों से बेफिक्र अपनी जान को जोखिम में डालकर लोगों ने वोट दिया है वादी में। वोटरों के इस हौसले में सिर्फ एक बात है, और वो है अमन के लिए उनका पुख्ता इरादा। और जीत भी इसी इरादे की हुई हैं, हारे हैं वो, जो या तो देश के दुश्मन हैं, या फिर उन्हीं की ज़ुबान में बात करते आए हैं।

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