शुक्रवार, 27 फ़रवरी 2009

रहमान की 'जय हो...'

सरज़मीं पर रहमान का ज़ोरदार स्वागत किया गया। हो भी क्यों न, रहमान ने जो इतिहास रचा है, वो काबिले तारीफ है। देश को अद्भूत सम्मान दिलाया है। रहमान की धुनों में गढ़ी कायमाबी की कहानी ने पूरे देश को 'गुलजार' कर दिया। रहमान ने वाकई देश की शान बढ़ाई है। ऑस्कर दिलाया है। रहमान के धुनों ने देश में इतिहास रचा है। इसके साथ ही हमें गीतकार गुलजार और गायक सुखविंदर का भी शुक्रगुज़ार होना चाहिए, क्योंकि इस हासिल में इन दोनों का भी कम योगदान नहीं है। काबिले तारीफ हैं अजहर और रूबीना भी। मुंबई के एक स्लम से ताल्लुक रखने वाले इन बच्चों ने स्लमडॉग मिलियनेर में बेहतरीन किरदार निभाया है। देश को विश्व स्तर पर गौरव दिलाने वाले इन कलाकारों को कोटि-कोटि नमस्कार है।

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