मैं एक अति साधारण इंसान हूं। आशाओं से ओतप्रोत। हार नहीं मानने का जुनून। जन्म-झारखंड के डालटनगंज में, काम का स्थल दिल्ली और रिहाइश ग़ाज़ियाबाद में। 15 साल के तजुर्बे के दौरान नामचीन अखबारों के बाद टीवी की पत्रकारिता। बीएजी फिल्स, इंडिया टीवी, कोबरापोस्ट और दिसंबर 2007 से लाइव इंडिया चैनल में एक अहम ओहदा। जीवन में मुकाम दर मुकाम कई फासले तय हुए। कुछ तय हुआ है और कुछ बाकी है सफर,मंज़िल से अपनी दूरी मिटाना ज़रूर है।
1 टिप्पणियाँ:
सुन्दर ..अमर जी .. आप निरंतरता बनाए रखिये कविता लिखने में ..इतना अंतराल ठीक नहीं ...
शब्द पुष्टिकरण को हटा दीजिये और blog followers का विजेट लगा दीजिये
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