‘वतन की राह' पर दिखा ‘संतोष’ का ‘आनंद’
‘एक प्यार का नगमा है...’ ‘ज़िंदगी की न टूटे लड़ी’, ‘ये गलियां ये चौबारा’ जैसे दिलकश गीतों के लिए मशहूर गीतकार और कवि संतोष आनंद ने दिल्ली के एक कार्यक्रम में समां बांध दिया। दर्शकों के दिलों को छूने वाले इन गीतों को न सिर्फ संतोष ने गाया, बल्कि उनके गीत ज़िंदगी और कुछ भी नहीं... तेरी-मेरी कहानी है...गाकर अपने अनुभवों को याद किया मंच पर उनके साथ मौजूद पवन सिन्हा ने। टीवी चैनलों पर एस्ट्रो अंकल के नाम से मशहूर पवन सिन्हा ने कहा कि संतोष जी के इन गीतों में पूरे जीवन का फलसफा मौजूद है।
दो बार एवरेस्ट की ऊंचाई पर पहुंच चुकीं पद्मश्री संतोष यादव के साथ साथ-साथ देशभक्ति के गीतों के गायक और हरियाणा पुलिस के आईजी शील मधुर भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे। शील मधुर के गाए गीत ‘सोने की चिड़िया फिर से अपना भारत कहलाएगा’ के वीडियो अलबम को दर्शकों और खासकर बच्चों ने खूब पसंद किया।
बच्चों में प्रतिभा को निखारने के मकसद से दिव्य दृष्टि सेवा सोसाइटी की ओर से हिंदी भवन में आयोजित इस कार्यक्रम 22 बच्चों ने गीत और नृत्य के ज़रिये अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित किया। इनमें ऋचा गुप्ता, शैली और हुसैन को पहले, दूसरे और तीसरे पुरस्कार से नवाज़ा गया। टीवी पत्रकार अमर आनंद और रजनी त्यागी ने कार्यक्रम का संचालन किया।
2 टिप्पणियाँ:
संतोष जी के गीतों में ज़िंदगी का दर्द है और उन्हें सिर्फ़ फिल्मी मान लेना ठीक नहीं लगता । उनके गीत साहित्यिक रचनाओं से कम नहीं । इस उम्र में भी उनके जज़्बे और जोश को देखकर हैरत होती है। बहरहाल एक अच्छे कार्यक्रम के लिए सभी को बधाई। देर से सही इस बहाने भाई अमर आनंद के ब्लॉग को भी पढ़ने का मौका मिला। अमर दो हज़ार आठ से ब्लॉगिग कर रहे हैं। मगर मैं इतने दिनों बाद आज पढ़ पा रहा हूं। ब्लॉग पर उनके संक्षिप्त लेखों के साथ उनकी कविताओं से भी साक्षात्कार हुआ । अमर की खूबी ये है कि उम्मीदों और हौसलों से भरे अच्छे इंसान तो है हीं। देश भक्ति का जज़्बा उनकी रगों में है । वही उनकी सोच, लेखन, पेशे और व्वयहार में झलकता है। यही वजह है कि जहां कोई कर्मठ,ईमानदार,सच्चा भारतीय उन्हें मिलता है,वो उससे पहली नज़र का प्यार कर बैठते हैं।-शकील अख़्तर
mshakeelakhter@gmail.com
अमर जी,तारीफ ए काबिल है वतन की राह पर । सौभाग्य आपका कि आप संतोष आनंद,एस्ट्रो अंकल पवन सिन्हा,संतोष यादव और शील मधुर जी के साथ करीब से जुड़ पाए। और हमारी खुशकिस्मती है कि हम आप से जुड पाए। दुआ है कि इस तरह के शुभ कामों में उपर वाला आपको औऱ भी आगे रखे । दूसरों को मदद करने के गुर हम भी आप से सीख सके।
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