सोमवार, 21 फ़रवरी 2011

‘वतन की राह' पर दिखा ‘संतोष’ का ‘आनंद’








‘एक प्यार का नगमा है...’ ‘ज़िंदगी की न टूटे लड़ी’, ‘ये गलियां ये चौबारा’ जैसे दिलकश गीतों के लिए मशहूर गीतकार और कवि संतोष आनंद ने दिल्ली के एक कार्यक्रम में समां बांध दिया। दर्शकों के दिलों को छूने वाले इन गीतों को न सिर्फ संतोष ने गाया, बल्कि उनके गीत ज़िंदगी और कुछ भी नहीं... तेरी-मेरी कहानी है...गाकर अपने अनुभवों को याद किया मंच पर उनके साथ मौजूद पवन सिन्हा ने। टीवी चैनलों पर एस्ट्रो अंकल के नाम से मशहूर पवन सिन्हा ने कहा कि संतोष जी के इन गीतों में पूरे जीवन का फलसफा मौजूद है।

दो बार एवरेस्ट की ऊंचाई पर पहुंच चुकीं पद्मश्री संतोष यादव के साथ साथ-साथ देशभक्ति के गीतों के गायक और हरियाणा पुलिस के आईजी शील मधुर भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे। शील मधुर के गाए गीत ‘सोने की चिड़िया फिर से अपना भारत कहलाएगा’ के वीडियो अलबम को दर्शकों और खासकर बच्चों ने खूब पसंद किया।

बच्चों में प्रतिभा को निखारने के मकसद से दिव्य दृष्टि सेवा सोसाइटी की ओर से हिंदी भवन में आयोजित इस कार्यक्रम 22 बच्चों ने गीत और नृत्य के ज़रिये अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित किया। इनमें ऋचा गुप्ता, शैली और हुसैन को पहले, दूसरे और तीसरे पुरस्कार से नवाज़ा गया। टीवी पत्रकार अमर आनंद और रजनी त्यागी ने कार्यक्रम का संचालन किया।